परिचय
गुरु नानक जयंती, जिसे गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, सिख धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आता है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक थे और उनके योगदान ने सिख धर्म को एक अद्वितीय पहचान दी। इस दिन को सिख समुदाय श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाता है, और यह दिन गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं की याद दिलाता है।
गुरु नानक देव जी का जीवन
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पैंडी, लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान) के निकट राए बhoi की एक हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम कलूचंद था और माता का नाम तृप्ता था। गुरु नानक देव जी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन उनके जीवन और शिक्षाओं ने एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की।
गुरु नानक देव जी का जीवन सरलता, सच्चाई और सेवा का प्रतीक था। उनके जीवन की घटनाएँ और शिक्षाएँ सिख धर्म की बुनियाद बनीं। उन्होंने जातिवाद, धार्मिक भेदभाव और समाज में व्याप्त अंधविश्वासों का विरोध किया और सभी मानव जाति की एकता की बात की।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ सिख धर्म की मूल अवधारणाओं का आधार हैं। उनके प्रमुख उपदेश निम्नलिखित हैं:
- एकेश्वरवाद (One God): गुरु नानक देव जी ने एकेश्वरवाद की अवधारणा को स्थापित किया। उन्होंने सिखों को यह सिखाया कि भगवान केवल एक है और सभी धर्मों, जातियों और पंथों के लोग उस एक ईश्वर की पूजा करें। “एक ओंकार” (एक ईश्वर) उनके उपदेशों का मुख्य आधार है।
- सिख धर्म की सामाजिक समानता: गुरु नानक देव जी ने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का विरोध किया। उन्होंने सभी मानवों को समान मानते हुए जातियों और वर्गों के बीच भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान किया।
- सेवा (Seva): गुरु नानक देव जी ने सेवा और आत्म-त्याग के महत्व को बल दिया। उन्होंने सिखों को दूसरों की सेवा करने और समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने की प्रेरणा दी।
- ईश्वर की भक्ति: गुरु नानक देव जी ने भक्ति और साधना के माध्यम से ईश्वर को जानने की बात की। उन्होंने ध्यान, प्रार्थना और सच्चे प्रेम के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति की सलाह दी।
- सच्चा जीवन: गुरु नानक देव जी ने सच्चाई, ईमानदारी और न्यायपूर्ण जीवन जीने की सलाह दी। उन्होंने कर्म और आचरण की शुद्धता को महत्वपूर्ण माना।
गुरु नानक देव जी की प्रमुख शिक्षाएँ और उनके योगदान
गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ दीं जो आज भी सिख समुदाय के लिए मार्गदर्शक हैं:
- नमः शिवाय का सृजन: गुरु नानक देव जी ने “नमः शिवाय” (ईश्वर की भक्ति) के सिद्धांत को प्रकट किया और यह समझाया कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से ही ईश्वर को पाया जा सकता है।
- सांस्कृतिक एकता: गुरु नानक देव जी ने सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को बढ़ावा दिया। उन्होंने विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच संवाद और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित किया।
- मिशन और यात्रा: गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्राओं के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक और सामाजिक सुधारों का प्रचार किया। उनकी यात्राएँ “उदासी” के नाम से जानी जाती हैं, और उन्होंने विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों को सिख धर्म की शिक्षाएँ दीं।
गुरु नानक जयंती का उत्सव
गुरु नानक जयंती का उत्सव पूरे भारत और विश्वभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
- गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ: गुरु नानक जयंती के अवसर पर, गुरु ग्रंथ साहिब, सिख धर्म का प्रमुख ग्रंथ, का विशेष पाठ और कीर्तन (धार्मिक संगीत) किया जाता है।
- नगर कीर्तन: इस दिन सिख समुदाय नगर कीर्तन (धार्मिक जुलूस) का आयोजन करता है। इस जुलूस में लोग बैंड, ढोल और गानों के साथ धार्मिक गीत गाते हुए शहर की गलियों में घूमते हैं। यह धार्मिक उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यह सिख धर्म की समृद्धि और एकता को दर्शाता है।
- लंगर का आयोजन: गुरु नानक जयंती पर लंगर (सामूहिक भोज) का आयोजन भी किया जाता है। लंगर में सभी लोगों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है, जो गुरु नानक देव जी की सेवा और उदारता की शिक्षाओं का प्रतीक है।
- प्रार्थना और पूजा: गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थनाएं और पूजा की जाती हैं। सिख समुदाय के लोग इस दिन अपने परिवार और मित्रों के साथ गुरुद्वारे जाकर प्रार्थना करते हैं और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
निष्कर्ष
गुरु नानक जयंती एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं की याद दिलाता है। यह दिन सिख समुदाय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है और इसे भव्य तरीके से मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ, जैसे एकेश्वरवाद, सामाजिक समानता, सेवा और सच्चाई, आज भी लोगों के जीवन को मार्गदर्शित करती हैं। गुरु नानक जयंती का उत्सव हमें प्रेम, सेवा और मानवता की भावना को प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है और हमें गुरु नानक देव जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है।